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5G तकनीक क्या है और कैसे काम करती है?

कुछ समय पहले जब भारत में मोबाइल आया था तो उस समय लोगो को मोबाइल की ज्यादा जानकारी नहीं थी और उस समय मोबाइल में 2G स्पीड का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन जैसे जैसे स्मार्ट फ़ोन की शुरुवात हुई तो वैसे वैसे इंटरनेट की स्पीड भी बढ़ती रहती और भारत में 3G तकनीक लांच हो गई जिसके बाद से भारत में इंटरनेट के डाटा का इस्तेमाल बढ़ने लगा।


आज के समय में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है, जो इंटरनेट का इस्तेमाल ना करता हो। हमारे भारत देश में पहले के मुकाबले अब गांव में रहने वाले लोग भी इंटरनेट का इस्तेमाल करने लगे हैं। हमारे देश की सरकार ने भी भारत को डिजिटल इंडिया का नाम दिया है और सरकारी दफ्तरों में भी सभी प्रकार के कार्य अब डिजिटल रूपमें यानि कि इंटरनेटकी सहायता से किए जा रहे हैं। वर्तमान समय में हम 4G तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं और अब आगे हम धीरे-धीरे 5G तकनीक के ओर अग्रसर हो रहे हैं।


तो इस ब्लॉगपोस्ट में आप जानेंगे की :

  1. 5G क्या है?

  2. ये 5G तकनीक कैसे काम करती है?

  3. और 4G के मुकाबले ये 5G कैसेबेहतर है?


5G में ‘G’ का अर्थ क्या है?


अब तक 1G से लेकर 5G टेक्नोलॉजी आ चुकी है। कई लोग सोचते हैं, कि आखिर “G” का क्या तात्पर्य होता है। तो दोस्तों हम आपको बता दें, कि 1G से लेकर 5G तक “G” का तात्पर्य जनरेशन से होता है, जनरेशन यानी की पीढ़ी। हम जिस भी पीढ़ी की टेक्नोलॉजी इस्तेमाल कर रहे होते हैं, उसके आगे “G” लग जाता है और यही “G” आधुनिक तकनीक के उपकरण को नई पीढ़ी के रूप में दर्शाने का कार्य करता है। हमारा देश धीरे-धीरे नई तकनीक की ओर अग्रसर होता जा रहा है और हमारे देश में भी नई-नई तकनीकों का निर्माण किया जा रहा है।


5G तकनीक क्या हैं?


मोबाइल नेटवर्क के पांचवी जनरेशन को ही 5G तकनीक कहा जाता हैं। अनुमान लगाया जा रहा है की भविष्य की इस वायरलेस तकनीक की स्पीड और कनेक्टिविटी की कोई सीमा नहीं होगी, साथ ही यह तकनीक एनर्जी भी सेव करने में मदद करेगी।


5G तकनीक मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी की एक अगली पीढ़ी हैं जो पहले के मुताबिक अधिक तेज़ी सेस्मार्टफोन और अन्य उपकरणों पर अधिक तेज़ इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करेंगी।


5G तकनीक को वायरलेस नेटवर्क की गति औरअनुक्रियाशीलता को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया हैं। 5G में इंटरनेट को बदलने की समताएँ और सेल्फ ड्राइविंग कार, इंटरनेट ऑफ़थिंग्स, वर्चुअल रियलिटी जैसी तकनीकों की रीढ़ मानी जा रही हैं।


जिस तरह इसे इंटरनेट की पांचवी पीढ़ी माना जा रहा है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है की इसकी स्पीड भी मौजूदा स्पीड से कई गुना ज्यादा होगी जिस से किसी भी बड़े डाटा को बड़ी आसानी से डाउनलोड और अपलोड किया जा सकेगा और इसकी पहुंच अभी के मोबाइल से कई ज्यादा और बेहतर होगी।


यह तकनीक पूरी तरह से रेडियो स्पेक्ट्रल के बेहतर इस्तेमाल का उदाहरण होगी और इस से एक साथ कई डिवाइस को इंटरनेट से जोड़ा जा सकेगा।


5G को विकसितकरने के लिए कई देश 2012 से इस पर काम कर रहे हैऔर संभावना है की 2021 तक इसे लांच कर दिया जाएगा और बात करें भारत की तो Reliance Jio ने यह घोषणा कर दी है कि jio कंपनी 2021 में भारत में 5G सेवाएं प्रदान करेंगी और यह घोषणा खुद कंपनी के सीईओ, मुकेश अंबानी द्वारा की गई है।


4G और 5G में क्या अंतर है?


यह एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव हैंयानि की ( आपके मोबाइलमें आने वाला सिग्नल ) और वैसे तो इनमे बहुत से अंतर है लेकिन जो इनके बिच में सबसे बड़ा फर्क है वो इनकी फ्रीक्वेंसीऔर वेव लेंथ में होता है तो चलिए इनके बाकि अंतर के बारें में भी जानते है:-

  • 4G के मुकाबले 5G नेटवर्क के मुकाबले डाटाट्रांसमिट करने का काम 20 गुना तेज़ी से किया जाएगा।

  • 5G तकनीक के आने के बाद मोबाइल पर टच करते ही एक सेकंड के हज़ारवें हिस्से यानि 1 मिली सेकंड सेभी कम समय में वेबपेज खुल जाएगा।

  • जहां 4G मैक्सिमम स्पीड 60mbps तक दे सकता है वहीं 5G एक मैक्सिमम स्पीड 20gbps तक दे सकता है।

  • शुरू में तो 5G 4G के सहारे सेही चलेगा लेकिन कुछ समय बाद 5G इंडिपेंडेंट हो कर काम कर पाएगा।

  • 5G तकनीक के आ जाने से मोबाइल की बैटरी भी लम्बे समय तक चलेगी क्यूंकि अभी के समय में हम जिन नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे है वो नेटवर्क और डाटा को ढूंढ़ती रहती है जिससे बैटरी खर्च होती रहती हैं।

  • 5G सिर्फ हाई स्पीड ही नहीं बल्कि कम लेटेंसी, हाई रेलबिलिटी और हाई नेटवर्क कैपेसिटी प्रोवाइड करेगा यानि की एकसाथ कई मोबाइल डिवाइस को कनेक्ट कर पाएगा और इसकी कंसिस्टेंसी भी ज्यादा होगी।

  • इसमें आप पूरी फिल्म को 5 से 6 सेकंड में डाउनलोड कर सकते हैं।

  • 5G तकनीक इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स के लिए बहुत ही लाभदायक साबित होगा क्यूंकि हमे IOT के लिए अधिक स्पीडडेटा की आवशयकता होती है जो हमे इसकी हाई फ्रीक्वेंसी होने से आसानी से मिल जाएगी।


5G तकनीक कैसे काम करता है?


Wireless networks में मुख्य रूप से cell sites होते हैं जिन्हें की sectors में divide किया गया होता है जो की radio waves के माध्यम से data send करते हैं. ये कहना गलत नहीं होगा की Fourth-generation (4G) Long-Term Evolution (LTE) wireless technology ने ही 5G का foundation तैयार किया था।

जहाँ 4G, में बड़े, high-power cell towers की जरुरत होती है signals को radiate करने के लिए longer distances में, वहीँ 5G wireless signals को transmit करने के लिए बहुत सारे small cell stations की जरूरत होती है जिन्हें की छोटी छोटी जगह जैसे की light poles या building roofs में लगाया जा सकता है।


यहाँ पर multiple small cells का इस्तमाल इसलिए होता है क्यूंकि ये millimeter wave spectrum में — band of spectrum हमेशा 30 GHz से 300 GHz के भीतर ही होती है और चूँकि 5G में high speeds पैदा करने की जरुरत होती है, जो की केवल short distances ही travel कर सकता है।


इसके अलावा ये signals किसी भी weather और physical obstacles, जैसे की buildings से आसानी से interfere हो सकते हैं|


यदि हम पहले generations के wireless technology की बात करें तब इसमें spectrum की lower-frequency bands का इस्तमाल होता था. इसके साथ millimeter wave challenges जिससे की distance और interference ज्यादा होती है, इससे जूझने के लिए wireless industry ने 5G networks में lower-frequency spectrum का इस्तमाल करने का सोचा है जिससे Network operators उस spectrum का इस्तमाल कर सकें जो की उनके पास पहले से ही उपलब्ध है।


एक चीज़ हमें ध्यान रखना चाहिए की Lower-frequency spectrum हमेशा ज्यादा distances cover करती है लेकिन इसमें lower speed और capacity होती है millimeter wave की तुलना में।


5G Deployment की Status क्या है?


5G की मुख्य development विश्व के इन चार देशों में सबसे ज्यादा है वो हैं United States, Japan, South Korea और China. यहाँ पर Wireless network operators ज्यादा ध्यान 5G buildouts को बनाने में दे रहे हैं. माना जा रहा है की Network operators 2030 तक लगभग करोड़ों billions dollars 5G के सन्धर्व मेंखर्च करने वाले हैं।


जाने माने Tech company Technology Business Research Inc., का कहना है की ये बात अभी तक भी साफ़ नहीं है की ये 5G services किस प्रकार से अपने investment का return generate करेंगे।


ये उम्मीद है की नए companies और Startup जो की 5G के Evolving technology का इस्तमाल करना चाहते हैं वो इन operators के revenue का ख्याल रख सकते हैं।


Simultaneously, दुसरे standards bodies भी universal 5G equipment standards के ऊपर काम कर रहे हैं. निकट में ही 3rd Generation Partnership Project (3GPP) ने 5G New Radio (NR) standards के लिए December 2017 में approval दे दी है और 2018 के ख़त्म होने तक वो 5G mobile core standard जो की 5G cellular services के लिए बहुत जरुरी है को समाप्त कर देने की उम्मीद रखते हैं. ये 5G radio system 4G radios के साथ compatible नहीं है, लेकिन network operators ने wireless radios की खरीदारी करी है जिन्हें की वो upgrade करना चाहते हैं. वो इसे Software के द्वारा upgrade करना चाहते हैं न की hardware update क्यूंकि hardware update में उन्हें नए equipment खरीदने की जरुरत पड़ सकती है।


जहाँ 5G wireless equipment standards प्राय समाप्त हो चुकी हैं ऐसे में first 5G-compliant smartphones और दुसरे associated wireless devices commercially 2019 तक available हो जाने की उम्मीद हैं. 5G technology का सम्पूर्ण इस्तमाल 2020 से होने की उम्मीद की जा रही है. सन 2030 तक, 5G services का इस्तमाल full-fledged रूप से किया जायेगा और इसका इस्तमाल virtual reality (VR) content में autonomous vehicle navigation में किया जायेगा. इसे real-time में monitor भी किया जासकेगा।


5G वायरलेस सेवाओं के प्रकार


Network operators मुख्य रूप से दो प्रकार के 5G services प्रदान करते हैं।

पहला Service है 5G fixed wireless broadband services का जो की internet access deliver करती है घरों और businesses को बिना किसी wired connection के उनके premises तक. ऐसा करने के लिए network operators NRs को deploy करते हैं छोटे cell sites में buildings के निकट जिससे ये कोई signal को beam कर पाए receiver तक जो की किसी rooftop या windowsill में उपलब्ध हो, इससे ये premises के भीतर amplified हो जाता है. Fixed broadband services operators के लिए भी सस्ता हो जाता है service प्रदान करने के लिए क्यूंकि इस approach के द्वारा उन्हें प्रत्येक residence को fiber optic lines बिछाने की जरुरत नहींपड़ती है, बल्कि केवल cell sites तक ही fiber optics install करनी होती है, और customers broadband services receive करते हैं wireless modems के द्वारा जो की उनके residences या businesses में स्तिथ होता है।


दूसरा Service है 5G cellular services का जो की user को operator के 5G cellular networks service को access करने की सुविधा प्रदान करती है. ये services सबसे पहले rolled out होगी सन 2019 में, जब पहली 5G-enabled devices commercially available होंगी खरीदने के लिए. Cellular service की delivery भी निर्भर करती है mobile core standards के completion के ऊपर 3GPP के द्वारा।


5G की स्पेक्ट्रम बैंड क्या है


5G नेटवर्क्स 3400 MHz , 3500 MHz और 3600 MHz बैंड्स पर रन करते हैं। 3500 MHz बैंड को आदर्श माना जाता है। मिलीमीटर वेव स्पेक्ट्रम 5G में अहम भूमिका निभा सकता है। इन्हें मिलीमीटर वेव्स इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनकी लेंग्थ 1 से 10 mm होती है। मिलीमीटर तरंगें 30 से 300 GHz फ्रिक्वेंसीज़ पर काम करती हैं। अभी तक इन तरंगों को सैटलाइट नेटवर्क्स और रडार सिस्टम्स में इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर 5G में मिलीमीटर वेव्स इस्तेमाल की जाती हैंतो इसका श्रेय सरजगदीश चंद्र बोस को भी जाएगा। उन्होंने 1895 में ही दिखाया था कि इन वेव्सको कम्यूनिकेशन के लिए यूज किया जा सकता है।


5जी तकनीक के फीचर्स


अभी हम कुछ विशेष 5G technology features के संधर्व में जानते हैं. चलिए जानते हैं की आखिर 5G Technology में ऐसे क्या नए features है जो की उपलब्ध network technology में नहीं है।


  • इसमें Up to 10Gbps data rate का होना. इसके साथ 10 to 100x की rate में network improvement होना 4G और 4.5G networks की तुलना में।

  • 1 millisecond latency का होना ।

  • इसमें 1000x bandwidth per unit area काहोना ।

  • इसमें हम Up to 100x number के connected devices per unit area (अगर हम 4G LTE के साथ तुलना करें) तक connect कर सकते हैं ।

  • ये सभी time available होता है. इसलिए इसकी 99.999% तक availability है ।

  • इसके अलावा ये 100% coverage प्रदान करता है ।

  • ये energy save करने में काफी मदद करता है. जिसके चलते ये लगभग 90% तक network energy usage कम करने में मदद करता है ।

  • इसमें आप low power IoT devices जो की करीब 10 सालों तक आपको power प्रदान कर सकती है का इस्तमाल कर सकते हैं।

  • इसमें High increased peak bit rate होती है ।

  • ज्यादा data volume per unit area (i.e. high system spectral efficiency) होती है।

  • ज्यादा capacity होती है जो की इसे ज्यादा devices के साथ concurrently और instantaneously connect होने में मदद करती है।

  • ये Lower battery consumption करती है।

  • ये बेहतर connectivity प्रदान करती है किसी भी geographic region की अगर आप बात करें तब ये ज्यादा नंबर की supporting devices को support कर सकती है।

  • इसमें infrastructural development करने में काफी कम लागत लगती है ।

  • इसके communications में ज्यादा reliability होती है उम्मीद की जा रही है की ये 2018 के ख़त्म होने तक complete हो जाएगी।


5G के मुख्य Advantages क्या हैं?


वैसे 5G के ओ बहुत सारे advantages हैं, इसलिए मैंने उनके विषय में निचे आप लोगों को बताने के कोशिश करी है :

  • High resolution और bi-directional large bandwidth shaping का होना।

  • इसके माध्यम से सभी networks को एक ही platform के अंतर्गत लाया जा सकता है।

  • ये बहुत ही ज्यादा effective और efficient है।

  • बेहतर Download और Upload Speed का होना।

  • इस Technology के माध्यम से subscriber को supervision tools प्रदान किये गए हैं जिससे वो quick action ले सकते हैं।

  • इसके द्वारा बड़े पैमाने में broadcasting data (in Gigabit) हो सकती हैं, जिससे ये 60,000 connections से भी ज्यादा को support कर सकता है।

  • इसे previous generations के साथ आसनी से manage किया जा सकता है।

  • ये Technological sound है heterogeneous services (जिसमें की private network) को support करने के लिए।

  • इस technology के द्वारा पूरी दुनिया में uniform, uninterrupted, और consistent तरीके से connectivity प्रदान किया जा सकताहै।

  • इसमें parallel multiple service आप पा सकते हैं जैसे की आप बात करते हुए weather और location की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

  • आप अपने PCs को handsets के जरिये control कर सकते हैं।

  • इससे Education बहुत ही आसान होजाता है क्यूंकि कोई भी student दुनिया के किसी भी छोर से ज्ञान प्राप्तकर सकता है ।

  • Medical treatment भी आसान हो सकती है क्यूंकि एक doctor किसी मरीज को जो की दुनिया के किसी भी remote location में स्तिथ हो उसे इस technology के द्वारा ठीक कर सकता है ।

  • इससे monitoring में आसानी होगी क्यूंकि government organization और investigating officers आसानी से किसी भी जगह को monitor कर सकते हैं जिससे crime rate में गिरावट होने की संभावनाएं हैं।

  • अंतरिक्ष, galaxies, और दुसरे ग्रह को देखना बहुत ही आसान हो जायेगा।

  • किसी भी खोये हुए इन्सान को ढूंड पाना आसान हो जायेगा।

  • यहाँ तक की आने वाली बड़ी natural disaster जैसे की tsunami, भूकंप इत्यादि को पहले सेही detect किया जा सकेगा।


5G के मुख्य Dis-Advantages क्या हैं?


चलिए जानते हैं कि 5जी के मुख्य Dis-Advantages क्या हैं :

  • 5G technology को बहुत ही researched और conceptualized तरीके से बनाया गया है सभी radio signal problems और mobile world के hardship of mobile world को ख़त्म करने के लिए, लेकिन इसके वाबजूद भी इसके कुछ disadvantages हैं जिन्हें हम आगे discuss करनेवाले हैं।

  • ये 5G की Technology अभी तक भी under process है और इसके पीछे research जारी है।

  • जो speed प्रदान करने की बात जो ये कर रहा है, उसे achieve करना मुस्किल प्रतीत होता है क्यूंकि उसके लिए अभी तक उतना technological support विश्व के बहुत से हिस्सों में फिलहाल उपलब्ध नहीं है।

  • बहुत सारे पुराने devices इस नयी 5G technology के साथ compatible नहीं है जिसके चलते उन्हें बदलना पड़ेगा, जो की एक expensive deal साबित होगा।

  • इसके infrastructures को Develop करने में ज्यादा cost लगसकता है।

  • इसमें अभी तक भी कई Security और privacy related issue मौजुद हैं जिन्हें अभी तक भी solve करना बाकि है।


5G के Applications क्या हैं


चलिए जानते हैं कुछ significant applications के विषय में:


  • ये पूरी दुनिया के लिए एक unified global standard बन सकता है।

  • इसके द्वारा Network availability चारों तरफ होगी जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस बेहतरीन technology का इस्तमाल कर सकेंगे कभी भी और कहीं भी।

  • इसमें IPv6 technology होने के कारण, mobile की IP address को उनके connected network और geographical position के हिसाब से प्रदान किया जायेगा।

  • ये पूरी दुनिया को एक real Wi Fi zone में तब्दील कर देने की क्षमता रखता है।

  • इसके cognitive radio technology के माध्यम से radio technologies के अलग अलग version समान spectrum को efficiently इस्तमाल कर सकते हैं।

  • इस technology के माध्यम से higher altitude के लोग बड़े आसानी से radio signal की सुविधा प्राप्तकर सकते हैं।


5G के मुख्य Challenges


किसी भी नयी development का एक बहुत बड़ा हिस्सा है Challenges का होना. क्यूंकि इन challenges के होने से ही technology और भी बेहतर बन सकती हैं. सभी technology के जैसे ही 5G में भी बहुत बड़े बड़े challenges मौजुद हैं.।हमने पिछले कुछ सालों में देखा की कैसे radio technology ने fast growth करी है।


शुरुवात 1G से 5G तक, ये सफ़र केवल 40 वर्षों का ही है (1G सन 1980s - 5G सन 2020). लेकिन इस सफ़र में हमने कुछ common challenges भी observe किया है जैसे की infrastructure, research methodology, और cost की कमी।


आज के दोर में ऐसे बहुत से देश है जहाँ की अभी तक भी 2G और 3G technologies का इस्तमाल होता है और लोग वहां अभी तक भी 4G के विषय में नहीं जानते हैं, ऐसे condition में, जो सवाल सभी के दिमाग में है वो ये की :

  • ये 5G कितनी दूर viable होगी?

  • क्याइस technology के माध्यम से कुछ developed countries और developing countries भी लाभान्वित होंगे?

इन्ही सवालों को बेहतर समझने के लिए 5G के challenges को two headings में विभाजित कर दिया गया है :


  1. Technological Challenges

  2. Common Challenges


Technological Challenges


  1. Inter-cell Interference – ये एक बहुत ही बड़ा technological issues है जिसे की जल्द solve करना होगा. चूँकि traditional macro cells और concurrent small cells के size में बहुत फरक है इसलिए ये आगे चलकर interference पैदा कर सकता है।

  2. Efficient Medium Access Control – ऐसे situation में, जहाँ की dense deployment of access points और user terminals की requirement होती है, वहां user की throughput low होगी, latency high होगी, और hotspots competent नहीं होगी cellular technology के साथ ज्यादा throughput प्रदान करने के लिए. इसलिए इसे ठीक ढंगसे researched करना जरुरी है इस technology को optimize करने के लिए।

  3. Traffic Management – Cellular networks में ज्यादा human traffic के होने सेऔर ज्यादा number के Machine to Machine (M2M) devices के एक ही cell में होने से ये एक serious system challenges पैदाकर सकता है जोकी है radio access network (RAN) challenges, जो की बाद में overload और congestion पैदा कर सकता है।


Common Challenges


  1. Multiple Services – दुसरे radio signal services, के मुकाबले 5G को बड़े task करना होता है जैसे की heterogeneous networks, technologies, और devices operating जो की अलग अलग geographic regions में काम करते हैं. इसलिए जो challenge है वो ये की लोगों की dynamic, universal, user-centric, और data-rich wireless services प्रदान करना होता है वो भी standard तोर से।

  2. Infrastructure – Infrastructure की कमी के कारण Researchers को कई technological challenges of standardization और 5G services के application में कमी जैसे असुविधा का सामना करना पड़ता है।

  3. Communication, Navigation, & Sensing – ये services ज्यादा depend करती है availability of radio spectrum पर, जिसके माध्यम से signals को transmit किया जाता है।

  4. चूँकि 5G technology के पास strong computational power होता है बड़े volume के data जो की अलग अलग और distinct sources से आता है उन्हें process करने के लिए, लेकिन इसके लिए बड़ी infrastructure support की जरुरत होती है।

  5. Security and Privacy – ये एक बहुत ही महत्वपूर्ण challenge हैं जिसे की 5G को ख़ास ध्यान देना चाहिए जिससे लोगों के personal data को protect किया जा सके. 5G को कई दुसरे security threats जैसे की trust, privacy, cybersecurity काभी ख़ास ध्यान देना पड़ेगा क्यूंकि ये threats पूरी दुनिया भर में लगातार बढती ही जा रही है।

  6. Legislation of Cyberlaw − Cybercrime और दुसरे fraud भी बढ़ेंगे high speed और ubiquitous 5G technology के होने से। इसलिए Cyberlaw को ठीक ढंग से implement करना भी बहुत ही जरुरी है।


5G इंडिया में कब आएगा


आप सोच रहे होंगे के 5G मोबाइल कब लॉंच होगा? सरकार ने 5G स्पेक्ट्रम के लिए ऑक्शन की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार ने ट्राई से कहा है कि 3400 से 3600 MHz बैंड्स की नीलामी के लिए शुरुआती दाम सुझाए. ट्राईने इस पर काम शुरू कर दिया है. डिपार्टमेंटऑफ टेलिकॉम जल्द ही इस संबंध में एक पॉलिसी भी ला सकता है।


दरअसल एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत में 5G जैसी फास्ट वायरेलस टेक्नॉलजी लाने से पहले डेटा होस्टिंग और क्लाउड सर्विसेज के लिए रेग्युलेटरी कंडिशंस में बदलाव लाया जाना चाहिए।


5G का Future Scope


बहुत सारे researches और discussions पूरी दुनियाभर में चल रही है विश्वके प्रसिद्ध technologists, researchers, academicians, vendors, operators, और governments के बिच 5G के innovations, implementation, viability, और security concerns को लेकर।


जैसे की बताया गया है की 5G में ऐसे बहुत सारे features उपलब्ध हैं जो की बेहतरीन services प्रदान करेंगी. लेकिन एक सवाल जो सबके मन में जरुर होगा की जहाँ previous technologies (4G और 3G) अभी भी under process और बहुत से parts में अभी तक भी शुरू नहीं हुए हैं; ऐसे में 5G का future क्या है?


5th generation technology को ख़ास इसीलिए design किया गया हैता कि वो incredible और remarkable data capabilities, unhindered call volumes, और immeasurable data broadcast इस latest mobile operating system के माध्यम से कर सके।


इसलिए ये ज्यादा intelligent technology है, जो की पूरी दुनिया को interconnect करने में सहायक सिद्ध होगा। इसी तरह हमारे दुनिया को universal और uninterrupted access to information, communication, और entertainment मिलेगी जिससे ये हमारे जीवन में एक नयी dimension का द्वार खोलेगी और ये हमारे life style और बेहतर और meaningful बनाएगी।


इसके साथ governments और regulators भी इस technology का इस्तमाल good governance और बेहतर healthier environments create करने के लिए कर सकेंगे। इससे एक बात तो साफ़ है की 5G के विस्तार में लोगों का सही मनोभाव इसे और भी अधिक बेहतर बनाने में सहायक होगा।


FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)


Q: 1G की शुरुआत कब हुई थी?

A: सन 1980s में


Q: 2G की शुरुआत कब हुई थी?

A: सन 1990s में


Q: 3G की शुरुआत कब हुई थी?

A: सन 2000s में


Q: 4G की शुरुआत कब हुई थी?

A: सन 2010s में


Q: सर्वप्रथम 5G तकनीक को किस देश में लांच किया गया ?

A: साउथ कोरिया में सैमसंग के नए स्मार्टफोन 5G के साथ लॉन्च किया गया।


Q: भारत देश में 5G की तकनीक को कब लांच किया जाएगा ?

A: हमारे देश में 2021 की दूसरी छमाही तक लॉन्च करने की तैयारी किया गया है।


Q: 5G कैसे कार्य करता है ?

A: 5G तकनीक बैंडविथ के टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगा और यह मिलीमीटर वेव पर आधारित होगा। इसकी गति काफी तीव्र होगी।


Q: भारत में 5G किन फोन में चलाया जा सकेगा ?

A: 5G तकनीक को सर्वप्रथम हमारे देश में मुकेशअंबानी लॉन्च करेंगे अर्थात इसे जियो के फोन में इस्तेमाल किया जा सकेगा।


Q: क्या 4G के फोन में 5G नेटवर्क कार्य कर सकेगा ?

A: बिल्कुल भी नहीं।


Q: क्या 5G Phones भारत में पहुच चुके हैं?

A: भारत में 5G के services के ऊपर काम 2020 से चालू हो जायेगाऔर 5G phones 2022 या 2023 तक लोगों को उपलब्ध करवा दिए जायेंगे।


Q: क्या हम अपने 4G Handsets को 5G में upgrade कर सकते हैं ?

A: इस बात की तो पूरी तरह से पुष्टि नहीं की गयी है लेकिन जानकारों का मानना है की हम users 4G mobiles को 5G के network में इस्तमाल कर सकते हैं।


Q: कब 5G Internet को भारत में launch किया जायेगा ?

A: भारत में 5G Internet को 2022 तक launch कर दिया जायेगा।


इस ब्लॉगपोस्ट मे आज इतना ही। अगर आपको ये पोस्ट पसंद आया हैं और आप इसी तरह के "हिन्दी टेक ब्लॉग्स" से जुरे रहना चाहते है तो कृपया पोस्ट्स सबको लाइक, शेयरऔर www.ImJhaChandan.com को फॉलो आर सबस्क्राइब अवश्य कर ले। धन्यवाद !!

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